June 20, 2025

Star News 21

Suresh Upmanyu Editor in Cheif 9917125300

बरसाना, विलासगढ, जोगिन बन रास में विराजे भगवान श्रीकृष्ण, भक्तों ने छका प्रसाद, रिपोर्ट- STAR NEWS21 से LIC वाले हीरालाल नरेश ठाकुर के साथ….

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बरसाना, श्रीराधाजन्मोत्सव के तीसरे दिन बूढ़ी लीला महोत्सव में बरसाना के प्राचीन लीला स्थल विलासगढ़ पर रासविलास एवं जोगिन लीला की गयी। विलासगढ़ ब्रह्मांचल पर्वत पर बरसाना में सांकरी खोर के ऊपर स्थित है। विलास नाम से ही ज्ञात होता है कि यहाँ दिव्य रास विलास की लीला होती है। यहाँ श्रीजी (श्रीराधारानी) के सिर पर शाही छत्र विराजता है। श्रीजी राजा (सम्राट) के रूप में लीला में विराजती है। और उनकी प्रिय सखी ललिता मंत्री और विशाखा प्रशंसक वाहक के रूप में व अन्य सखियाँ सहयोगी के रूप में लीला में रहती है। 

सोमवार को श्रीकृष्ण की बाल लीला स्थली एवं निम्बार्की संत हंसदास, उनके शिष्य वंशीदास की साधना स्थली विलासगढ़ पर रासविलास व जोगिन लीला का आयोजन किया। विलासगढ़ पर्वत पर स्थित प्राचीन रासमंडल चबूतरे पर श्रीराधाकृष्ण के स्वरूपों द्वारा जोगिनलीला व युगलनृत्य को देख भक्तगण भाव विभोर हो गए। हंसदास द्वारा लिखी जोगिन लीला प्रस्तुत की गई। इसमें मुरली मनोहर श्रीकृष्ण द्वारा जोगिन का रूप धरा जाता है।

इसमें श्रीकृष्ण जोगिन का रूप धर कर श्रीवृषभान नंदिनी के दर्शन को उनके महल में आते हैं। जोगिन रूप में श्रीकृष्ण आवाज लगाते हैं, कोई अपने नक्षत्र और ग्रह दिशा दिखवाले आवाज लगाते हैं। आवाज सुन कर श्रीराधारानी के कहने पर प्रधान सखियां ललिता व विशाखा कृष्ण को दरबार ले आती हैं। वहां श्रीकृष्ण राधा की भाग्य रेखा देख कहते हैं कि तुम्हारा विवाह नंद के लाला से होगा। सखियां और राधा जोगिन बने कान्हा को पहचान जाती हैं। जब श्रीराधाजी पूछती हैं कि तुमने यह रूप क्यों धारण किया तो श्रीकृष्ण कहते हैं कि आपके दर्शन के लिए। लीला का आनन्द लेने सैकडों भक्त वहाँ मौजूद रहते हैं। और लीला के बाद भक्त और सन्तों के प्रसाद की व्यवस्था बरसाना के मैन बजार के व्यापारियों की तरफ से प्रतिवर्ष होती हैं।

 

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