लाडली जी के धाम में नित्य बरसता हैं रस : रमेश भाई ओझा
माताजी गौशाला में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव हुआ शुरू′
बरसाना। राधारानी के पावन जन्मस्थान बरसाना स्थित माताजी गौशाला में पद्मश्री संत रमेश बाबा महाराज के सान्निध्य में नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं श्री सीताराम कथा महोत्सव का शुभारंभ दिव्य आध्यात्मिक वातावरण में हुआ। कथा का उद्घाटन गुरु शरणानंद महाराज एवं वृंदावन से पधारे प्रेमघन लालन महाराज द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्वलन के उपरांत दोनों संतों ने बरसाना की अलौकिक महिमा का रसपूर्ण बखान करते हुए कथा महोत्सव के आयोजन की सराहना की।
व्यासपीठ से रमेश भाई ओझा नें कहा कि जहाँ भागवत है, वहीं समस्त तीर्थों का वास है। भाई जी ने कहा कि “भागवत पुराण भले व्यास जी ने लिखी हो, पर उसकी स्याही राधारानी की कृपा ही है। ग्रंथ की प्रत्येक पंक्ति में श्यामसुंदर स्वयं नृत्य करते अनुभव होते हैं।” उन्होंने कहा कि जो कथा और कीर्तन सुनते-गाते हैं, वे सहज ही भगवान की शरण कृपा प्राप्त कर लेते हैं।
उन्होंने ब्रजवासियों की महिमा गाते हुए कहा कि “ब्रजवासी कृष्ण-तत्व और राधा-तत्व के अतिरिक्त किसी अन्य तत्व को नहीं जानते।” उन्होंने संत दर्शन को जीवन का परम सौभाग्य बताया—“जिन नयनों ने संतों को नहीं देखा, वे मोरपंख की भाँति केवल शोभा मात्र हैं, उड़ नहीं सकते।”
ब्रजभूमि के अलौकिक प्रेम का वर्णन करते हुए भाई जी ने कहा—“यहाँ प्रेम उलटी बयार की तरह बहता है। गोपियाँ चेष्टा तो करती हैं कृष्ण को मन से हटाने की, पर नंदलाल मन में ऐसे बस गए हैं कि निकलते ही नहीं।” उद्धव जी भी इस प्रेम को देखकर विस्मित रह गए थे।
बरसाना की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि “यहाँ माया का प्रभाव नहीं, यहाँ रस की वर्षा होती है, तभी इसका नाम बरसाना पड़ा।” उन्होंने कहा कि बरसाना आकर ऐसा प्रतीत होता है मानो माँ के स्नेह में ननिहाल आ गए हों—अद्भुत आनंद की अनुभूति होती है। राधारानी की कृपा क्षणभर में चित्त के भीतर छिपे कृष्ण-तत्व को प्रकट कर देती है, इसी कारण रसिक संतों ने बरसाना में आराधना कर युगल कृपा प्राप्त की।
महोत्सव के प्रथम दिवस पर गुरु शरणानंद महाराज, डॉ. रामजीलाल शास्त्री, प्रेमघन लालन महाराज, भक्त शरण महाराज, ब्रजशरण राजबाबा,राधाप्रिय दास, संघ सह-प्रमुख सुनील देशपांडे, रमेशचंद्र गोस्वामी नंदगांव, आचार्य सुरेशचंद शास्त्री, महेश शास्त्री, सुनील सिंह और जयप्रकाश त्यागी सहित अनेक संत-महंत और भक्तगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
संध्या काल में सीताराम विवाह महोत्सव की लीला का सरस मंचन बक्सर वाले मामा जी की सुपुत्री सिया दीदी द्वारा किया गया।
फोटो १ – कथा कहते हुए
फोटो २ – दीप प्रज्ज्वलन
फोटो २ – भीड़

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