छाता के चंद्रकुंड तालाब पर भारी गंदगी सुध लेने वाले मोन।
वर्षों से नहीं हुई तालाब की साफ सफाई आसपास डाली जा रही भारी गंदगी।
तालाब पर भारी गंदगी से बीमारियां फैलने का खतरा।
चंद्रकुंड के किनारे लगे कूड़े के ढेर उड़ता धुआ।
छाता की हनुमान बगीची स्थित चंद्र कुंड के अंदर और बाहर किनारो पर भारी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गन्दगी के कारण आसपास के क्षेत्र में बीमारियां फैलने का खतरा भी बनाया हुआ है।

तालाब पर सुबह के वक्त भ्रमण और कंपटीशन की तैयारी करने वाले लोग बच्चे एव कोच मुक्कन पहलवान ने तालाब के अंदर व बाहर गंदगी डालने वाले लोगों को रोके जाने की मांग की है।
तालाब किनारे कूड़े के ढेर डाले जाने के कारण यहां भयंकर बदबू रहती है एवं पड़े हुए कूड़े से हर समय धुआं जलता रहता है। यहां से लोग मुंह ढक कर निकलते हैं, बच्चों ने सुबह में आना बंद कर दिया है,यहां पर मक्खी और मच्छरों का प्रकोप बना हुआ है। जो कि भयंकर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं।
छाता के रहने वाले बच्चों के कोच मुक्कन पहलवान व सोनिका , अशोक कुमार ,गगन शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा योजना चलाकर तालाबों की धरोहरों को सजोए रखने के लिए करोड़ों खर्च किए जाते हैं, पर पता नहीं चलता ये करोड़ों कहां चले जाते हैं, वर्तमान में चंद्रकुंड तालाब पर भारी गंदगी होने कारण चंद्र कुंड अपना अस्तित्व खो चुका है। प्रशासनिक स्तर पर सभी तरह की व्यवस्थाएं यहां पर फेल हुई है बिजली, साफ सफाई की कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं है , यहां पर खड़े हुए बिजली के खंभे जर्जर स्थिति में बने हुए कभी भी हादसा हो सकता है,जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए यहां प्रतिदिन सुबह के वक्त में भारी संख्या में लोग टहलने के लिए आया करते हैं, अब काफी गंदगी आसपास किनारो पर पड़े होने के कारण बहुत दुर्गंध आती है, और पड़े हुए कूड़े के ढेरों से हर वक्त धुआं निकलता रहता है।
साल दो-चार साल पहले चंद्रकुंड इतना सुंदर और दिव्य बनकर तैयार हुआ था, यहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों का कंपटीशन हुआ करता था, यह वही कुंड है दीपावली पर यहां दीपोत्सव हुआ करता था,आज इसकी स्थिति इतनी बदहाल है ,कि कुछ नही कह सकते। अगर तालाब पर नजर दौड़ाएं तो पूरा तालाब गंदगी से अटा हुआ पड़ा है, पहले यह कुंड बहुत अच्छा था, अब इसकी कोई भी सुध लेने वाला नहीं है।
मुकेश कुमार मुक्कन पहलवान, सोनिका शर्मा, अशोक कुमार, गगन शर्मा, राम जीत मास्टर ,प्रेमचंद नेता आदि ने मांग की है कि हमें छाता का चंद्र कुंड पहले जैसा चाहिए।
दिनेश जादौन।

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