बरसाना, आज श्रीराधारानी की छठी उत्सव पर बरसाना में विशाल दंगल का आयोजन हुआ। कहा जाता है कि बाबा बृषभानु ब्रज के राजा थे, और उनके यहाँ एक दिव्य कन्या उत्पन्न हुई। जिसका नाम राधा था। बाबा बृषभानु ने उस दिव्य कन्या का बडा भारी उत्सव मनाया था। और जन्म के ही दिन छठी पूजन के आयोजन पर विशाल कुस्ती (मल्लयुद्ध) प्रतियोगिता की घोषणा कर दी गयी थी। अनादिकाल से मल्लयुद्ध प्रसिद्ध रहा है। और उस समय मल्लयुद्ध सबसे बडा आयोजन माना जाता था। बडे बडे राजाओं के मल्ल इस प्रतियोगिता में भाग लेते थे। और उचित इनाम की घोषणा भी होती थी।
वही परपंरा आज भी बाबा बृषभानु के नगर बरसाना (बृहत्सानु) में देखने को मिलती है। 28 सितंबर गुरुवार को मटकी फोर लीला होने के बाद बरसाना में विशाल दंगल (मल्लयुद्ध) का आयोजन हुआ। बडी संख्या में मटकी लीला देखने के बाद लोग दंगल देखने को ललायित हो दंगल की ओर चल देते है। महिला पहलवान पुरुष पहलवान से कुस्ती लडी, मुकावला बडा रोमांचक रहा। इस दंगल में बडे बडे पहलवान राज्य और राष्ट्रीय स्थर के भाग लेते हैं। दंगल की व्यवस्था बरसाना समाज के लोगों द्वारा व बरसना नगर पंचायत के माध्यम से की जाती हैं। कहा जाता है कि दंगल को देखने के लिए उत्तर प्रदेश के पडौसी राज्य हरियाणा और राजिस्थान से दर्शक बडी संख्या में दिखाई देते हैं।
इस विशाल दंगल में वैसे तो सैकडों कुस्तियाँ 500 रूपये से लेकर 31000 रुपये तक की होती है। लोगों का इन कुस्तियाँ को देख मनोरंजन और उत्साह पल पल बढता है। लेकिन जैसे ही 50 हजार से ऊपर कुस्तियाँ होने लगती है तो दर्शक अपनी सासें थाम कर बैठ जाते हैं। और अन्तिम कुस्ती का नजारा देखने के लिए लोग पुरा ध्यान कुस्ती पर ही लगा देते है। इस बार अन्तिम कुस्ती विक्रम पहलवान जानू वाले और चन्दू पहलवान गोवर्धन वाले के बीच बडी रोमांचक व काटे की हुई। अन्तिम कुस्ती बराबरी पर छूटी लम्बे समय तक चली कुस्ती में दोनों पहलवानों का मुकाबला बराबर रहा। जिसमे दोनों पहलवानों को सम्मान के तौर पर 30 – 30 हजार रूपेय की धनराशि दी गयी। जबकि फाइनल कुस्ती 161000/- (एक लाख इकसठ हजार) रुपये और चाँदी का बुर्ज की कुस्ती रखी गयी थी।
वही सुरक्षा व्यवस्था की बात करे तो पुलिस प्रशासन की खास सुरक्षा व्यवस्था होती है। पीएससी से लेकर जिले के आला अधिकारी तक मेला सुरक्षा व्यवस्था में नजर रखते हैं। किसी प्रकार का दंगल में व्यवधान न हो व शरारती तत्व पर पुलिस प्रशासन की पैनी नजर रही…

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